लोकसभा
चुनाव के मुहाने पर खड़ी कांग्रेस भले ही उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक
सीटें जीतने का सपना पाले हो, लेकिन प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव के गृह जनपद इटावा में ही पार्टी अंतर्विरोधों और भीतरघातों से बुरी
तरह जूझती नजर आ रही है। अंतद्र्वंद यहां पार्टी की पुरानी बीमारी है और
इससे उबरने के आसार भी नहीं दिख रहे। पार्टी में पुराने और नए, युवा और
बुजुर्ग कांग्रेसी सिक्के के दो पहलू की तरह एक दूसरे को चित्त और पट्ट
करने में लगे हुए हैं। ज्यादातर मसलों पर पार्टी एक राय नहीं है। युवा
पदाधिकारियों की बात अनसुनी कर देने से उनमें खिन्नता है। पार्टी के धरना
प्रदर्शनों और बैठकों में यह बात अब सार्वजनिक हो चुकी है।
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