Sunday, April 28, 2013

मुलायम पर बहुत सख्त हुए मौलाना

सही मायने में मौलाना सैयद अहमद बुखानी ने इटावा की धरती से लोकसभा चुनाव की सियासत की दुंदुभी बजा दी है। हमेशा से समाजवादी पार्टी के खेवनहार रहे मुसलमानों को उन्हीं के खिलाफ एकजुट करने के लिए मौलाना बुखारी ने खूब कोशिश की। मुलायम और समाजवादी पार्टी पर तंज तीर छोड़े तो अपनी कौम की बदहाली की तस्वीर दिखाकर सपा से मुुंह मोडऩे की कसमें खिलाईं। कहा, इस जालिम सरकार को उखाड़ फेंकने का ऐलान इस जिले से बेहतर कहीं नहीं हो सकता था। मौलाना बुखारी के निशाने पर मुलायम सिंह के बाद सबसे ज्यादा सपा के चाणक्य कहे जाने वाले रामगोपाल यादव रहे। सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बच्चा बताया और कहाकि मुलायम और रामगोपाल के नक्शेकदम पर चल रहा है।
मौलाना अहमद बुखारी ने रामगोपाल यादव पर निशाना साधते हुए कहाकि इन्होंने पूरी पार्टी को भाजपा के हाथों गिरवी रख दिया है। एक तरफ मुलायम सिंह यादव मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए बुखारी के दरबार के चक्कर लगाते हैं दूसरी तरफ रामगोपाल यादव मुसलमानों के खिलाफ साजिश करते हैं। इस दौरान मौलाना ने कई सियासी पैंतरे बदले। कांग्रेस के खिलाफ कुछ भी न बोलते हुए कानून व्यवस्था के मसले पर पूर्व की बसपा सरकार की तारीफ की। पर यह कहने से नहीं चूके कि राजनीति करना कोई मायावती से सीखे, जिन्होंने दलितों को समाज में उनका हक दिलाया। इसके साथ ही सवाल उछाल दिया कि मुसलमानों को हक किसने दिलाया? मुलायम से उम्मीद थी लेकिन वे तो सबसे बड़े दगाबाज निकले। उन्होंने कहाकि समाजवादी पार्टी ने नेता न तो हिंदू के हैं न मुसलमान के। वे सिर्फ अपनी बिरादरी के हैं। बुखारी ने इटावा में अदनान की हत्या और संतोषपुर इटगांव प्रकरण पर भी खूब लानत-पलानत की। प्रदेश में २२ प्रतिशत मुसलमानों के मुकाबले ८ प्रतिशत यादवों को ज्यादा महत्व देने पर भी ऐतराज जताया। मौलाना की सख्ती का अंदाजा उनके तल्ख लहजे से खूब लगाया सकता था। उन्होंने कहाकि मुसलमान अब सरकार बनाने वाला खेल नहीं खेलेगा, बल्कि सपा से सरकार बिगाडऩे वाला बदला लेगा।

No comments:

Post a Comment